14302 Views 02 Mar, 2018 PDF

बुधवार पूजा विधि और व्रत कथा

बुधवार पूजा विधि और व्रत कथा

बुधवार पूजा विधि और व्रत कथा

बुधवार का दिन भगवान श्री गणेश जी और बुध देव की पूजा का दिन माना गया है। इन दोनों की कृपा पाने के लिये बुधवार के दिन व्रत किया जाता है। पुरानी मान्यता के अनुसार इस दिन शुभ कार्यों के लिये यात्रा को वर्जित माना गया है और विवाहित स्त्री को मायके से ससुराल भी नहीं भेजा जाता।

बुधवार व्रत विधि के अनुसार किया जाना चाहिए तभी फलदायी सिद्ध होता हैं। बुध ग्रह को शांत करने के लिए बुधवार व्रत किया जाता है। शिक्षा, त्वचा रोग, बुद्धि और व्यापार आदि में प्रगति के लिए बुधवार व्रत को अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। बुधवार व्रत में बुद्ध देव के साथ भगवान गणेश की पूजा का विधान है। इस स्टोरी में जानें बुधवार व्रत विधि-

बुधवार व्रत विधि Budhvar Vrat Vidhi in Hindi

अग्नि पुराण में बताया गया हैं कि बुध-संबंधी व्रत विशाखा नक्षत्र युक्त बुधवार को आरंभ करना चाहिए। और लगातार सात बुधवार तक यह व्रत किया जाना चाहिए। बुधवार का व्रत शुरू करने से पहले भगवान गणेश के साथ नवग्रहों की भी पूजा करनी चाहिए। ध्यान दें कि बुधवार व्रत के दौरान भागवत महापुराण का पाठ अवश्य करना चाहिए। बुधवार व्रत को शुक्ल पक्ष आने वाले पहले बुधवार से शुरू करना शुभ माना जाता है। बुधवार व्रत करने से व्यक्ति का जीवन में सुख-शांति से और घर धन-धान्य से भरा रहता है।

बुधवार का व्रत शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार से आरंभ करना शुभ माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार बुधवार के व्रत लगातार सात बुधवार तक व्रत करना चाहिये। व्रत शुरु करने से पहले गणेश जी सहित नवग्रह पूजन की जाती है।

सुबह स्नाना के बाद भगवान बुध की पूजा करनी चाहिये। इस दिन हरे रंग के वस्त्रों का प्रयोग करना चाहिये। यदि पूजा के लिये भगवान बुध की प्रतिमा मिले तो भगवान शिव शंकर की प्रतिमा से भी पूजा की जा सकती है। दिन भर के व्रत