दिवाली पर लक्ष्मी माँ का इस विधि से करें पूजन | Worship Goddess Lakshmi with this vidhi on Diwali
सात पीढियाँ तक करेंगी राज
दिवाली लक्ष्मी पूजन सामग्री - Diwali lukshmi Puja Samagri
दिवाली का यह त्यौहार आप सबको बहुत-बहुत मुबारक हो। मित्रो माँ लक्षमी अपने शुभ चरणों से आपके घर मे स्थायी रूप से निवास कर। आपके घर मे आपके जीवन मे धन की सुख की धान्य की,सभी सुख सुबिधिओ की सभी कमियों इस दिवाली पर पूर्ण हो। इस बार हम दिवाली की पूजा विधि सच्चे मन से, सरल तरीके से बहुत ही आसान विधि से करने वाले है, और इसके लिए मे बताउगा बहुत ही आसान विधि जिसको हम बिना किसी पंडित की सहायता से स्वयं के द्वारा अपने ही घर आगे ध्यान रहे ये दिए मिटटी के ही होने चाहिए। दिए 11 या 21की संख्या मे होने चाहिए यदि आप चाहे तो 21 से ज्यादा 31, 41, 51, 101, 108 भी ले सकते है। एक मिटटी को छोटा कलश ले ले यदि आप चाहे तो ताम्बे का कलश भी ले सकते है।
कलश स्थापना के लिए 1 नारियल आम के पत्ते हवन कुंड या छोड़ा मिटटी का बर्तन, चौमुखा दिया एक बड़ा गोल दिया, एक चौकी और चौकी पर बिछाने के लिए लाल कपड़ा छोटे-छोटे पिले गुलाबी व् काळा रंग के कपड़े का टुकड़ा भी ले क्योकि दिवाली पूजा मे कुछ छोटे- छोटे उपाय भी करेंगे। जो लक्षमी के स्थायी निवास मे सहायक होंगे।
एक अखंड दिप थोड़े से चावल साबुत व् सतनाजा करीब 250 ग्राम कलश मे डालने के लिए चंदन का इत्र,1 साबुत हल्दी की गांठ, सुपारी, सिक्का ,कोड़ी, कमल गट्टे की बीज लक्षमी जी का चित्र साथ मे गणेश लक्षमी की मूर्ति भगवान के शृंगार का सामान भगवन को स्नान करने के लिए पंचामृत और आर्ट गंध 9 सुपारी, चावल, 16 सिक्के अष्ट गंध, रोली नवग्रह शोडश मातृका, गेहू व् चांदी का लोटा जल के लिए अबीर गुलाल, सिंदूर लाल व् नारंगी लोंग, इलायची, कमल के बीज, सुपारी 5 तरह के मेवा पान का पत्ता, पांच प्रकार के फल, फूल माला। दक्षिणावर्ती संख त्रियंत्र, गमती चरक, धनिये के बीज, हल्दी की गांठ मोती, खिल बताशे, कपूर, हवन के लिए गाय के गोबर के कंडे/उपले, गूगल लोमान रुई की बत्ती, धुप, धोड़ी सी देसी फिटकरी, सरसो का तेल, मिटटी के भी बर्तन उनको एक दिन पहले ही रात को पानी मे भिगो कर रख दे। Astrology Services in Delhi,Best Astrologer in Delhi NCR, Top Famous Astrologer in Delhi NCR India,
दिवाली लक्ष्मी पूजन की तैयारी एवं विधि - Preparations for Diwali luxmi Puja and Vidhi
चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उसे मोली से सभी तरह से पक्का करके बांध दे। सबसे पहले अखंडी दिप की स्थापना करने के लिए लगभग 1¼ हाथ की बाती मोली से बनायेगे उसको अखंड दिप मे डालकर। इस दिप मे देशी घी डालकर लक्षमी जी के बाई और रख दे थोड़े से चावल सा सतनाजा ले पूजा की पटरी बिछा ले यदि चावल लेते है। तो इसमे अष्टगंध व् थोड़ा सा पानी मिला ले व् इससे अष्टदल कमल का निर्माण कर उस पर अखंड जोट रख दे। अखंड जोट प्रज्ज्वलित करे,ततपश्चात हाथो को अवश्य धो ले।
इसके बाद लक्षमी जी का चित्र सामने दीवार पर चिपका देंगे ध्यान रहे लक्षमी जी को चित्र की उचाई बैठने पर आपके सर से ऊपर यानि ऊंचा होना चाहिए। पटरी दाई और थोड़े से चावल डालकर कलश रखेंगे। उसमे इत्र, हल्दी की गांठ,पैसे, सुपारी, कमल गट्टे के बीज, कोड़ी, आदि सभी चीजे कलश मे डालकर जल से भरेंगे ध्यान रहे। इसमे थोड़ी सी दवा भी डाले।
इसमे थोड़ा सा सतनाजा भी डाले व् इसको ढककर रख दे। नारियल पर कुमकुम से स्वसित का चिन्ह बनाकर पांच आम के पत्ते कलश मे लगाकर ऊपर नारियल रख दे ध्यान रहे नारियल की आँख वाला हिस्सा कलश मे अंदर की और होना चाइये। नारियल पर मोली अवश्य लफेटे ले। इसके बाद अखंड दिप फूल को चढ़ायेगे। अब हम सभी भगवान को स्नान करोगे।
सबसे पहले गणेश जी स्थापना करनी है तो पहले गणेश जी को ही स्नान करायेगे। पहले गंगाजल, फिर पचमरट फिर अष्टगंध व् फिर दोबारा गंगाजल से स्नान करायेगे। फिर उनका शृंगार करके पटरी पर चावल बिछाकर गणेश जी पटरी पर चावल बिछाकर गणेश जी की स्थापना अखंड जोट के साथ यानि पटरी पर बाई और स्थापित करे फूल की माला चढ़ाये उसके बाद लक्षमी जी को भी इस प्रकार से स्नान कराकर, शृंगार कर गणेश जी के दाई और चावल बिछाकर रखेंगे व् फूल माला चढ़ायेगे। Famous Astrologers in Delhi, Famous Astrologer Service Online,
गोमती चरक ततपश्चात कलश के सामने गेहू की नो दरिया बना लगे। ये सभी 09 दरिया नवग्रह के रूप मे होगी । इन सभी पर एक- एक सुपारी रख दे। इन सभी 09 सुपरी , हल्दी, चावल, कुमकुम से तिलक करे फूल चढ़ाये सभी पर रोली भी चढ़ाये। ढेरी की स्थापना से लेकर फूल चढ़ाने तक नवग्रह मत्र का उच्चारण ततपश्चात कलश के साथ ही हम 16 और गेहू की ढेरी लगाएंगे। ये 16 दीवारों का रूप होंगे देवी भाव होने के कारण सुपारी का प्रयोग यहा नहीं | Best Astrologers in Delhi, Best Astrologers in Delhi NCR, Top Astrologers in Delhi,